‘भारत में राष्ट्रपति प्रणाली : कितनी जरूरी, कितनी बेहतर’ पुस्तक का लोकार्पण जानेमाने कांग्रेसी नेता डॉ शशि थरूर, बीजेपी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य श्री शांता कुमार, व प्रख्यात संविधान विशेषज्ञ डॉ सुभाष कश्यप द्वारा 28 अप्रैल 2017 को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब में सम्पन्न हुआ। लेखक भानु धमीजा की यह पुस्तक प्रभात प्रकाशन द्वारा हिंदी में प्रकाशित हुई है।
‘भारत में राष्ट्रपति प्रणाली : कितनी जरूरी, कितनी बेहतर’ पहली बार यह रोमांचक कहानी बताती है कि भारत में शासन की मौजूदा संसदीय प्रणाली वास्तव में अस्तित्व में कैसे आई। और कैसे यह भारत की समस्याओं का मूल कारण बन गई है। स्वतंत्र भारत द्वारा संसदीय प्रणाली अपनाने का विरोध समय-समय पर डॉ. अंबेडकर, महात्मा गांधी, एम. ए. जिन्ना, सरदार पटेल और अन्य कई शीर्ष नेताओं ने किया था। इतिहास ने उन्हें सही साबित किया है। वर्षों के गहन शोध पर आधारित यह पुस्तक भारत के भविष्य को लेकर एक आमूल पुनर्विचार की जोशीली दलील पेश करती है। यह मात्र पर्दाफाश नहीं कि गलत क्या है, बल्कि एक हल प्रस्तुत करने का गंभीर प्रयास है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक से सम्बंधित मीडिया रिपोर्ट्स …